ज्ञान सभी के लिए है: पंजाबी विकीमीडियनज़
कुलदीप सिंह बुर्ज भलाईके बने विकीमीडिया संयोजक
पटियाला। प्राकृतिक स्रोतों, स्वतंत्रता, न्याय, जीवन की तरह ज्ञान प्राप्त करना भी सभी का हक है। ज्ञान सभी के लिए है, और पंजाबी विकीमीडियनज़ इसी लीक पर लगातार काम कर रहे हैं। भविष्य में पंजाबी विकीपीडिया और पंजाबी विकीस्रोत आम पंजाबियों के लिए ज्ञान का सब से बड़ा भंडार होंगे। पंजाबी विकिपीडिया का 23वां जन्मदिन मनाने के लिए आयोजित मीटिंग के दौरान यह विचार उभर कर सामने आए। हाइकू हट्ट धौला में आयोजित इस समारोह की मेज़बानी पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना की डा. सुरजीत पातर चेयर की हेड एवं प्रसिद्ध लेखिका डा. जगदीश कौर ने की।
समारोह संबंधी जानकारी देते हुए पंजाबी विकीमीडियनज़ समूह के वालंटियर मीडिया इंचार्ज अमन अरोड़ा ने बताया कि सीनियर पंजाबी विकीमीडियनज़ नितेश, सतदीप गिल और चरन गिल की अगुवाई में करवाए गए इस समारोह में दो दर्जन से अधिक पंजाबी विकीमीडियनज़ शामिल हुए। इस दौरान अगले एक साल के में समूह की ओर से की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विचार-विमर्श किया गया। पंजाबी विकीमीडिया समूह की गतिविधियों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए कुलदीप सिंह बुर्ज भलाईके को एक वर्ष के लिए समूह का कोआर्डीनेटर नियुक्त किया गया। पंजाबी विकीपीडिया और पंजाबी विकीस्रोत पर नई जानकारी और किताबें जोड़ने और मौजूदा जानकारी एवं किताबों की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया। मातृभाषा पंजाबी से प्रेम करने वाले नए वालंटियर्स को
जोड़ने के लिए मुहिम चलाने का फ़ैसला भी किया गया। नितेश, सतदीप गिल, तमनप्रीत कौर, कुलदीप बुर्ज भलाईके और हरप्रीत कौर की ओर से विकीस्रोत और विकीपीडिया संबंधी तकनीकी सिखलाई भी दी गई।
डा. जगदीश कौर ने मातृ भाषा पंजाबी में ज्ञान लोगों तक पहुँचाने के लिए पंजाबी विकीमीडियनज़ समूह की ओर से किए जा रहे यत्नों की सराहना की। साथ ही भविष्य में हर संभव सहयोग देने का भरोसा भी दिलाया। समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए चरन गिल ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित करवाया कि इस समारोह में महिलाओं की भागीदारी 70 प्रतिशत रही। मातृ भाषा को समर्पित एक वालंटियर समूह में महिलाओं की यह उपस्थिति प्रशंसनीय है। समारोह मैं लाइब्रेरियन डा. लज्जू शर्मा, लेखिका अशविंदर कौर, विकीमीडियन गुरमेल कौर, गुरतेज चौहान, प्रो. प्रभजोत कौर गिल, सोनिया अटवाल, तुलसपाल कौर, सोनिया झम्मट, सहजप्रीत कौर, तरनप्रीत गोस्वामी, हरमनजीत सिंह, गगनदीप कौर एवं अन्य साहित्य व भाषा प्रेमियों ने हिस्सा लिया।