नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि जैन धर्म ने भारत की पहचान बनाने में बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके मूल्य आतंकवाद, युद्ध और पर्यावरण संरक्षण की वैश्विक चुनौतियों का जवाब देते हैं। ‘नवकार महामंत्र दिवस’ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्राचीन धर्म की विरासत और शिक्षाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी ने कहा कि जैन साहित्य भारत की आध्यात्मिक महिमा का आधार है। सरकार इसे संरक्षित करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें इसके प्राचीन ग्रंथों को डिजिटल बनाने और पाली तथा प्राकृत को शास्त्रीय भाषा घोषित करने की हाल की योजना भी शामिल है। मोदी ने लोगों से नौ वादे करने को कहा, जिनमें पानी बचाना, अपनी मां की याद में एक पेड़ लगाना, स्वच्छता को बढ़ावा देना, स्थानीय लोगों के लिए आवाज उठाना, देश के भीतर यात्रा करना, प्राकृतिक खेती अपनाना, बाजरा खाकर स्वस्थ जीवन शैली अपनाना और खाद्य तेल के इस्तेमाल में 10 प्रतिशत की कमी करना, गरीबों की मदद करना तथा खेल और योग को शामिल करना शामिल है। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि वे एकता का संदेश पूरे देश में ले जाएं और ‘भारत माता की जय’ कहने वाले हर व्यक्ति को गले लगाएं।